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मेरी माँ की भाषा: संपूर्ण जीवन का एक अहम हिस्सा!

Archana

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मेरे माता पिता ने मुझे अपनी नेटिव भाषा भोजपुरी  सिखायी और इसके कारण हमने जीवन में कई बातें सीखी और जीवन का  भरपूर आनंद उठाया।

आज दुनिया भर में पाँच करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं, पर जैसे जैसे बिहार में राजनीतिक और सामाजिक बदलाव आय, इस भाषा को या तो पिछड़ापन या फिर अश्लीलता से जोड़ा जाने लगा। यह संभव है की कई लोगों ने अपने बच्चों को बिहार की गिरती छवि से बचाने की कोशिश में भोजपुरी नहीं सिखाया।

अपनी भाषा को समझना बहुत ज़रूरी है क्योंकि एक भाषा से हमारी संस्कृति की कई सारी बातें जुड़ी होती हैं, और  अगर हमने उसे खो दिया तो फिर धीरे धीरे हमारी पूरी संस्कृति भी ख़त्म हो सकती है। जब एक  इमारत की नींव कमजोर होगी तो वह इमारत कितनी मज़बूत होगी?

इस एपिसोड में मैंने एक संपूर्ण जीवन के लिए अपनी भाषा के महत्व को अपने अनुभवों के आधार पर बताया है। 

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